Shayari
Taaza Gazal
मै काफ़ी जज़्बे निचोड़ लाया हूँसूखे सब सपने, तोड़ लाया हूँआँखों से भिगोकर, पलकों पे सुखाता हूँज़रा रुकिए, अभी ताज़ा ग़ज़ल सुनाता हूँ
NigaahoN Ke Nishaane Se
बहुत मुश्किल है बच पानानिगाहों के निशाने सेये अक्सर करती हैं घायलमिलने के बहाने से
Wo Bewafa Hone se Pahle
बा-अदब नाम लिया करउस शख़्स का, ए दिलवो बेवफ़ा होने से पहलेजान-ए-दिल रह चुका है
Jo Hum MeiN Tum MeiN
तुम्हें भुलाने की हुई हमसे कोई भी दुआ नहींकोशिश नहीं की, कभी मुनासिब लगा नहींमै पूरी सच्चाई से निभा रहा हूँ उस करार कोए जान-ए-दिल जो हम में तुम में हुआ ही नहीं
तेरी आँखों के किनारे
तेरी आँखों के किनारेअपने सपनों की कश्ती छोड़ आया हूँतूने दिल से बेघर कियामै अपनी बसाई बस्ती छोड़ आया हूँ
Uski Ujli Hatheli Pe
उस की उजली हथेली परमेहंदी से बना एक चाँद थावहीं क़रीब में एक सितारे परमेरी आरज़ू का ख़्वाब था…