hindi poetry

Tum Faqat Koi Pari NahiN Ho

तुम हो हसीं तो हम हैं दीवाने
ये किसका क़ुसूर है
तुम फ़क़त कोई परी नहीं हो
कुछ ख़ास तो ज़रूर है

Jazbaat

जज़्बात ख़ामोशियों की हदें तोड़ कर आगे बढ़े जिनके थे पर, वो बैठे रहे जिनके न थे बस वो उड़े

लेकिन नहीं मुमकिन दूसरा अमिताभ हो जाए

ये मुमकिन है कोई ज़र्रा आफ़ताब हो जाए लेकिन नहीं मुमकिन दूसरा अमिताभ हो जाए जिसकी शख़्सियत के रुतबे फैले हैं कहकशाँ से भी आगे जिसकी आवाज़ में ज़िंदादिली है जो पहुँचती है आसमान से भी आगे भले दुनिया में… Read More ›