लेकिन नहीं मुमकिन दूसरा अमिताभ हो जाए

ये मुमकिन है कोई ज़र्रा आफ़ताब हो जाए लेकिन नहीं मुमकिन दूसरा अमिताभ हो जाए जिसकी शख़्सियत के रुतबे फैले हैं कहकशाँ से भी आगे जिसकी आवाज़ में ज़िंदादिली है जो पहुँचती है आसमान से भी आगे भले दुनिया में ज़ाहिर, सब उसके राज़ हो जाएँ लेकिन नहीं मुमकिन दूसरा अमिताभ हो जाए अदाकारी का … Read more

Balcony meiN Ration pe

एक ऊंची इमारत के खाने में रह के लगा
जैसे चाँद से दूरी अब कम हो गई है
आज जब ज़रुरत थी चांदनी की मुझे
पता चला वो बालकनी में राशन पे मिलती है