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Prashant V Shrivastava
Prashant V Shrivastava is a Hindi Urdu lyricist. Also known as Musafir, Prashant has written over thousand poems. He also has four published books to his credit. Recently, Prashant has started writing lyrics and has about 15 released songs to…
Ke Neend Aa Jaaye
हमने सितारों से हाथ हैं जलाये हमने उजालों से चाँद हैं बुझाये अये ज़िंदगी अब इतनी इल्तिजा है इतना थका दे के नींद आ जाये
Tujh Dariya MeiN Utar Gaye
देखे तुम्हारे जलवे अपनी हस्ती से मुकर गए हम समंदर थे मगर तुझ दरिया में उतर गए
Qaabil-e-Dushmani
लोग ऐसे हैं के कोई हमनशीं नहीं होता आदमी की शक्ल में भी कोई आदमी नहीं होता लौटा दिया जो आए थे दरखास्त लेकर अब हर कोई तो काबिल-ए-दुश्मनी नहीं होता
चाँद की बातें
कभी चाँद की बातें होतीं हैं कभी ज़िकर तुम्हारा होता है यूँ ही तनहाई के अंधेरों में गुज़र हमारा होता
Dhoop Ki RaunakeiN
उठ चुकीं हैं देख लो, धूप की रौनक़ें पहले ही बची हुई रौशनी में, एक शाम कहो तो बना दूँ
Yeh ZulfoN Ki Badlee
सुबहा की फ़िज़ा में नशा घोलती हो ये ज़ुल्फ़ों की बदली जो तुम खोलती हो
Buri Baat Hai
सदाक़त में भी ज़िंदा हो, बड़ी बात है यहाँ तो अच्छा होना ही बुरी बात है
Woh AankheiN
वो आँखें भुला दें कैसे कहो किसी भी ग़ज़ल में उतरती नहीं जो उठते हैं पलकों के परदे ज़रा निशाने से पहले ठहरतीं नहीं
Khwaab Dekha Keejiye
फूलों से मिलिये चाँद से बातें कीजिए हक़ीक़त में सुंदर होते हैं ख़्वाब देखा कीजिए
Khoobsurati Ki Intehaa
वो गहरी ज़ुल्फ़ों के छल्लों का उसके रुख़सार से खेलना जन्नत की ख़ूबसूरती की इंतहा, इस मंज़र का क़तरा भर है
Tere Andaaz
मेरे अल्फ़ाज़ में तेरे अन्दाज़ गर शामिल ना होते मुझे ख़यालों के ये सब अहसास हासिल ना होते
Ye Haqiqat
मेरी हक़ीक़त में तू भले ही फ़क़त एक ख़्वाब है मगर यक़ीन जान, मै ये वक़्त बदलना ही नहीं चाहता
LaboN se ChingaariyaaN
सुनते थे गुल-ओ-गुलफ़ाम हैं और मय छलकी रहती है उन सुर्ख़ लबों से पर सच में चिंगरियाँ उड़ती रहतीं हैं
Tum Faqat Koi Pari NahiN Ho
तुम हो हसीं तो हम हैं दीवाने ये किसका क़ुसूर है तुम फ़क़त कोई परी नहीं हो कुछ ख़ास तो ज़रूर है