Aur Dil-e-bezaar

ऐ दिल-ए-बेज़ार तेरी, शिकायतें फिर सुन लूँगा अभी तो ज़िंदगी वाले, मसले ही हल नहीं हुए Aye dil-e-bezaar teri ShikaayateiN fir sun loonga Abhi to zindagi waale Masle hi hal nahiN huye

Aa Chukaa Hoon Mai

आख़िरी अश्क़ कल शब बहा चुका हूँ मैदामन की नमी को अब सुखा चुका हूँ मैअब हर सितम के बदले, फ़क़त यलगार होगाकह दो दुनिया-ए-फ़ानी से, आ चुका हूँ मै