Jo Tum Kaho

Guzre Puraane Lamhe

Guzre puraane lamhe chune
YaadoN ko chamakdaar kiyaa
Ek umra guzaari hai aise
YouN teraa intzaar kiyaa

लेकिन नहीं मुमकिन दूसरा अमिताभ हो जाए

ये मुमकिन है कोई ज़र्रा आफ़ताब हो जाए लेकिन नहीं मुमकिन दूसरा अमिताभ हो जाए जिसकी शख़्सियत के रुतबे फैले हैं कहकशाँ से भी आगे जिसकी आवाज़ में ज़िंदादिली है जो पहुँचती है आसमान से भी आगे भले दुनिया में… Read More ›