Tum Faqat Koi Pari NahiN Ho
तुम हो हसीं तो हम हैं दीवाने
ये किसका क़ुसूर है
तुम फ़क़त कोई परी नहीं हो
कुछ ख़ास तो ज़रूर है
तुम हो हसीं तो हम हैं दीवाने
ये किसका क़ुसूर है
तुम फ़क़त कोई परी नहीं हो
कुछ ख़ास तो ज़रूर है
वो आँखों में रहता भी नहीं
वो आँखों से बहता भी नहीं
वो ख़फ़ा है आँखों की नमी पर
वो आँखों को सहता भी नहीं
एक तरफ़ा मुहब्बत थी
फ़ैसला बाहमी क्या होता
जिसमें खारे अश्क़ मिलाये
वो दरिया चाशनी क्या होता