Meri AankhoN se
मेरी आँखों से पढ़ लिया करो
मेरे जज़्बात की हिकायतें
अल्फ़ाज़ कितने भी उलझे हों
लोग समझ ही जाया करते हैं
Iltijaa
कहाँ तक इल्तिजा की जाए
ये आरज़ू अब भुला दी जाए
हो गई आदत अंधेरों की
क्यों ना शम्मा बुझा दी जाए
Prashant V Shrivastava (Musafir)
Tribute to Bharat Ratn Lata Mangeshkar
घुल चुकी है
तुम्हारी आवाज़ की ख़ुशबू
इन हवाओं में
अब हम हर साँस में
तुम्हें सुन सकते हैं
Rukhsaar pe
रूख़्सार पे जो भँवर का नज़ारा हुआ है
फ़स्ल-ए-गुल बहाल हो, इशारा हुआ है
अभी रोके रखना बहारों को आसमान पे
अभी एक नाज़नीं को ज़मीं पे उतारा हुआ है
Yaa Kinara KareiN
तुम्हें किस तरहा से पुकारा करें
कोई नाम लें या इशारा करें
तुम्हारी आँखों से जो रिश्ते हो चले हैं
डूब के जाँ बचाएँ, या किनारा करें