Rukhsaar pe

रूख़्सार पे जो भँवर का नज़ारा हुआ है
फ़स्ल-ए-गुल बहाल हो, इशारा हुआ है
अभी रोके रखना बहारों को आसमान पे
अभी एक नाज़नीं को ज़मीं पे उतारा हुआ है

Yaa Kinara KareiN

तुम्हें किस तरहा से पुकारा करें
कोई नाम लें या इशारा करें
तुम्हारी आँखों से जो रिश्ते हो चले हैं
डूब के जाँ बचाएँ, या किनारा करें

मयखाने से

ये शहर तेज़ तर्रार है
चलता है आगे ज़माने से
अपनी तैयारी पूरी है
ले आओ सौदा मैखाने से