तुम्हें किस तरहा से पुकारा करें
कोई नाम लें या इशारा करें
तुम्हारी आँखों से जो रिश्ते हो चले हैं
डूब के जाँ बचाएँ, या किनारा करें
nazm
Un Dino ki hai
जब कहते थे
मुहब्बत फ़क़त
दो दिलों की है,
ये तस्वीर
उन्हीं
दिनों की है
Bekhayaali
बेख़याली का आलम जब हो
पैरों में आसमान हो जाता है
जिसे इश्क़ नहीं भी हुआ हो
उसे भी इश्क़ का गुमान हो जाता है
Masroof
ये सच है के
कुछ दिनों से
मसरूफ़ रहा हूँ मै
मगर ये इल्ज़ाम
ग़लत है के
तुम्हें भूल गया हूँ मै
Bangaali AankheiN
क़ातिलाना, मेहर-ओ-बेरहमी है
ख़ुशगुमानी, कभी ग़लत फहमी है
उफ़्फ़! बंगाली आँखों की
हर इक अदा, तिलस्मी है
Banjar
मुहब्बत एक नशा है
मुहब्बत एक नशा भी है
दिल जिगर की बरबादी भी
जहाँ एक बार अफ़ीम हो जाए
वो ज़मीं बंजर हो जाती है
Paikar
अंधेरों की तरफ़ देख कर
अक्सर खामोशियाँ सुनता हूँ
कोई मेरे ख़्वाब का पैकर है
मै भी सपना किसी की आँख का हूँ
Jazbaat
जज़्बात ख़ामोशियों की हदें
तोड़ कर
आगे बढ़े
जिनके थे पर, वो बैठे रहे
जिनके न थे
बस वो उड़े
Dekho HameiN bhi
आँखों की अदाओं की रौनक़ ही और है
एक नज़र देखो हमें भी, बड़ा सख़्त दौर है
Ishq
धूप जलती तो हैं,
पर धुआँ नहीं होता
इश्क़ याद आ गया,
जैसे ही ये सोचा