Shaayari
मुद्दतों से ज़माने के दबे कुचले
ख़यालात को रास्ता हो जाता है
शायरी ज़माने को ख़ुश रखती हैं
और मेरा दिल हल्का हो जाता हैं
मुद्दतों से ज़माने के दबे कुचले
ख़यालात को रास्ता हो जाता है
शायरी ज़माने को ख़ुश रखती हैं
और मेरा दिल हल्का हो जाता हैं
गुज़रे पुराने लमहे चुनेयादों को चमकदार कियाएक उम्र गुज़ारी है ऐसेयूँ तेरा इंतज़ार किया Guzare puraane lamhe chune YaadoN ko chamakdaar kiyaaEk umra guzaari hai aise YouN tera intzaar kiyaa
आँखों में नींद का बुलबुला सा था
ज़रा आँख खुली तो कहीं उड़ गया
उसके जाते ही याद का क़ाफ़िला आया
फिर ना नींद लौटी मेरी ना तेरी याद गई
ये जो कुछ लोग जाने अनजाने गुज़र गये हैंइनके साथ ज़माने के ज़माने गुज़र गये हैं Yeh jo kuchh log, jaane anjaane guzar gaye haiNInke saath zamaane ke zamaane guzar gaye haiN
सुबहों को ओस देखिए
रातों को जुगनू ढूँढिये
शहर से छुट्टी लेकर कभी
गाँवों की गलियाँ पूछिए
Guzre puraane lamhe chune
YaadoN ko chamakdaar kiyaa
Ek umra guzaari hai aise
YouN teraa intzaar kiyaa
Chaand ke pyaale meiN
Raat ki shabnam hai
Dekho na chhalke
Vaise hi bahut kam hai
ऐ दिल-ए-बेज़ार तेरी, शिकायतें फिर सुन लूँगा अभी तो ज़िंदगी वाले, मसले ही हल नहीं हुए Aye dil-e-bezaar teri ShikaayateiN fir sun loonga Abhi to zindagi waale Masle hi hal nahiN huye