मयखाने से

ये शहर तेज़ तर्रार है
चलता है आगे ज़माने से
अपनी तैयारी पूरी है
ले आओ सौदा मैखाने से

Bangaali AankheiN

क़ातिलाना, मेहर-ओ-बेरहमी है
ख़ुशगुमानी, कभी ग़लत फहमी है
उफ़्फ़! बंगाली आँखों की
हर इक अदा, तिलस्मी है

Banjar

मुहब्बत एक नशा है
मुहब्बत एक नशा भी है
दिल जिगर की बरबादी भी
जहाँ एक बार अफ़ीम हो जाए
वो ज़मीं बंजर हो जाती है

Paikar

अंधेरों की तरफ़ देख कर
अक्सर खामोशियाँ सुनता हूँ
कोई मेरे ख़्वाब का पैकर है
मै भी सपना किसी की आँख का हूँ