Dil 11 June 2022 by Prashant V Shrivastava कहाँ मै दिल की,,,सुनता ना था कहाँ मै दिल की,,,राहों पे हूँ
Fakira 9 June 2022 by Prashant V Shrivastava मै वफ़ाओं का मुन्तज़र और जफ़ाओं का ये शहर सच ही कहता था फ़क़ीरा तेरा कुछ हो नहीं सकता
Chaand Nazaakat Samete Hue 8 June 2022 by Prashant V Shrivastava हुस्न-ओ-बहार की, चादर लपेटे हुए मैंने चाँद देखा है, नज़ाकत समेटे हुए
AankheiN Sunaa Dee Humne 6 June 2022 by Prashant V Shrivastava दिल की जो भी हसरत थी गुनगुना दी हमने लबों को वो ना समझे आँखें सुना दी हमने