Ashq

वीरानों से मुहब्बत की है
तनहाइयों को जिया है मैने
हर कतरा महफ़ूज़ रखा है
कब अश्क़ बहने दिया है मैने

Ishqa meiN

इश्क़ में गुज़रे हुए तमाम लम्हे
हासिल-ए-ज़िंदगी साबित हुए
तुमने जो दुनियादारी सिखा दी
हम भी नादानियों से वाक़िफ़ हुए

Shaayari

मुद्दतों से ज़माने के दबे कुचले
ख़यालात को रास्ता हो जाता है
शायरी ज़माने को ख़ुश रखती हैं
और मेरा दिल हल्का हो जाता हैं

YouN teraa intzaar kiyaa

गुज़रे पुराने लमहे चुनेयादों को चमकदार कियाएक उम्र गुज़ारी है ऐसेयूँ तेरा इंतज़ार किया Guzare puraane lamhe chune YaadoN ko chamakdaar kiyaaEk umra guzaari hai aise YouN tera intzaar kiyaa

Na neend lauti

आँखों में नींद का बुलबुला सा था
ज़रा आँख खुली तो कहीं उड़ गया
उसके जाते ही याद का क़ाफ़िला आया
फिर ना नींद लौटी मेरी ना तेरी याद गई