Tribute to Bharat Ratn Lata Mangeshkar
घुल चुकी है
तुम्हारी आवाज़ की ख़ुशबू
इन हवाओं में
अब हम हर साँस में
तुम्हें सुन सकते हैं
घुल चुकी है
तुम्हारी आवाज़ की ख़ुशबू
इन हवाओं में
अब हम हर साँस में
तुम्हें सुन सकते हैं
ये मुमकिन है कोई ज़र्रा आफ़ताब हो जाए लेकिन नहीं मुमकिन दूसरा अमिताभ हो जाए जिसकी शख़्सियत के रुतबे फैले हैं कहकशाँ से भी आगे जिसकी आवाज़ में ज़िंदादिली है जो पहुँचती है आसमान से भी आगे भले दुनिया में ज़ाहिर, सब उसके राज़ हो जाएँ लेकिन नहीं मुमकिन दूसरा अमिताभ हो जाए अदाकारी का … Read more
एक ऊंची इमारत के खाने में रह के लगा
जैसे चाँद से दूरी अब कम हो गई है
आज जब ज़रुरत थी चांदनी की मुझे
पता चला वो बालकनी में राशन पे मिलती है
मैं तो गुज़र चुका हूँ ,
तू ही थोड़ी सी बची है,
चल तेरे गुजरने तक,
साथ साथ हँस लेते हैं |
Tere khayaaloN kii raushni mein
mere saare andhere kho gaye
teri yaadoN kii zard dhoop se
Rang mere sunehre ho gaye
कोई नहीं था ‘देवी’ गर्दिश में मेरे साथ
बस मैं, मिरा मुक़द्दर और आसमान था.
फिर टूट गया दर्पण सजन आओं चलें बिंब के पार।
स्व – पर का भेद बढा सजन आओं चलें खुदी के पार ।।
The world of sounds surrounds me
In the whirlpool of roaring waves
The external noises clash
With the internal sound of silence
अनबुझी प्यास रूह की है ग़ज़ल
खुश्क होठों की तिश्नगी है ग़ज़ल
उन दहकते से मंज़रो की क़सम
इक दहकती सी जो कही है ग़ज़ल