Ke Neend Aa Jaaye | Shayari | Prashant
हमने सितारों से हाथ हैं जलाये
हमने उजालों से चाँद हैं बुझाये
अये ज़िंदगी अब इतनी इल्तिजा है
इतना थका दे के नींद आ जाये
हमने सितारों से हाथ हैं जलाये
हमने उजालों से चाँद हैं बुझाये
अये ज़िंदगी अब इतनी इल्तिजा है
इतना थका दे के नींद आ जाये
Neend ke jo baadal chhaye
khwaabon ki barsaat hui
Bheegi si khushboo faili
tumse mulaaqaat hui