Aa Chukaa Hoon Mai
आख़िरी अश्क़ कल शब बहा चुका हूँ मैदामन की नमी को अब सुखा चुका हूँ मैअब हर सितम के बदले, फ़क़त यलगार होगाकह दो दुनिया-ए-फ़ानी से, आ चुका हूँ मै
आख़िरी अश्क़ कल शब बहा चुका हूँ मैदामन की नमी को अब सुखा चुका हूँ मैअब हर सितम के बदले, फ़क़त यलगार होगाकह दो दुनिया-ए-फ़ानी से, आ चुका हूँ मै
Prashant V Shrivastava (Musafir) NigaahoN ke Nishaane se Bahut mushkil, hai bach paana nigaahoN ke, nishaane se Ye aksar karti haiN ghaayal milne ke, bahaane se बहुत मुश्किल, है बच पाना, निगाहों के, निशाने से ये अक्सर, करती हैं घायल, मिलने के, बहाने से