LaboN se ChingaariyaaN 14 June 2022 by Prashant V Shrivastava सुनते थे गुल-ओ-गुलफ़ाम हैं और मय छलकी रहती है उन सुर्ख़ लबों से पर सच में चिंगरियाँ उड़ती रहतीं हैं