Jo Hum MeiN Tum MeiN

तुम्हें भुलाने की हुई हमसे कोई भी दुआ नहींकोशिश नहीं की, कभी मुनासिब लगा नहींमै पूरी सच्चाई से निभा रहा हूँ उस करार कोए जान-ए-दिल जो हम में तुम में हुआ ही नहीं

Teri yaadoN se bojhal ye dil

हर नज़्म में रंज छलकता है
हर शेर में आँहें होती हैं
जाने क्यूँ दश्त ही चुनता हूँ
गुलों की भी राहें होतीं हैं
जैसे ज़हन में अच्छे से, ग़म घुला-घुला सा है
आँखों में अश्क़ नहीं लेकिन, धुआँ-धुआँ सा है

शराब पीने दे मस्जिद में बैठ कर या वो जगह बता जहाँ पर ख़ुदा नहीं

A collection by Anonymous एक ही विषय पर 6 महान शायरों का नजरिया – Mirza Ghalib : “शराब पीने दे मस्जिद में बैठ कर या वो जगह बता जहाँ पर ख़ुदा नहीं” Iqbal : “मस्जिद ख़ुदा का घर है, कोई पीने की जगह नहीं , काफिर के दिल में जा, वहाँ पर ख़ुदा नहीं ” … Read more

Kitne Zamane Guzar Gaye..

Kitne zamane guzar gaye hei issi intezaar mein Judaa hai heer se ranjhaa ajab ikhtiyaar mein (ikhtiyaar: choice / option / control) Phulon ke dard kaanton ki chubhan ban kar bikhre Ashqon ki nadiyaan beh rahi hei aaj diyaar mein (diyaar: country / region) Naam mohabbat ka badnaam ho chala hei iss kadr Charche aate … Read more