Jo Hum MeiN Tum MeiN
तुम्हें भुलाने की हुई हमसे कोई भी दुआ नहींकोशिश नहीं की, कभी मुनासिब लगा नहींमै पूरी सच्चाई से निभा रहा हूँ उस करार कोए जान-ए-दिल जो हम में तुम में हुआ ही नहीं
तुम्हें भुलाने की हुई हमसे कोई भी दुआ नहींकोशिश नहीं की, कभी मुनासिब लगा नहींमै पूरी सच्चाई से निभा रहा हूँ उस करार कोए जान-ए-दिल जो हम में तुम में हुआ ही नहीं
मशहूर हो चुके हैंमेरे दर्द के सब अफ़सानेकोई मुझसे लिपट के रो देतो कोई हैरत नहीं
हर नज़्म में रंज छलकता है
हर शेर में आँहें होती हैं
जाने क्यूँ दश्त ही चुनता हूँ
गुलों की भी राहें होतीं हैं
जैसे ज़हन में अच्छे से, ग़म घुला-घुला सा है
आँखों में अश्क़ नहीं लेकिन, धुआँ-धुआँ सा है
मुद्दतों से क़ैद हूँ, इश्क़ की गिरफ्त में
दर्द में हूँ हर लम्हा, फिर भी हूँ लुत्फ़ में
Ab jo tanhaa se hum hain
Har taraf se sitam haiN
Zindagi kya nibhaayeiN
Himmatein bhi to kam hai
A collection by Anonymous एक ही विषय पर 6 महान शायरों का नजरिया – Mirza Ghalib : “शराब पीने दे मस्जिद में बैठ कर या वो जगह बता जहाँ पर ख़ुदा नहीं” Iqbal : “मस्जिद ख़ुदा का घर है, कोई पीने की जगह नहीं , काफिर के दिल में जा, वहाँ पर ख़ुदा नहीं ” … Read more
Kitne zamane guzar gaye hei issi intezaar mein Judaa hai heer se ranjhaa ajab ikhtiyaar mein (ikhtiyaar: choice / option / control) Phulon ke dard kaanton ki chubhan ban kar bikhre Ashqon ki nadiyaan beh rahi hei aaj diyaar mein (diyaar: country / region) Naam mohabbat ka badnaam ho chala hei iss kadr Charche aate … Read more
Sabd bichar jaate hei jabh bhi saaz se
Ghazal ki masoomiyat se maut hoti he