Paikar 16 June 2021 by Prashant V Shrivastava अंधेरों की तरफ़ देख कर अक्सर खामोशियाँ सुनता हूँ कोई मेरे ख़्वाब का पैकर है मै भी सपना किसी की आँख का हूँ