Banjar 17 June 2021 by Prashant V Shrivastava मुहब्बत एक नशा है मुहब्बत एक नशा भी है दिल जिगर की बरबादी भी जहाँ एक बार अफ़ीम हो जाए वो ज़मीं बंजर हो जाती है