चलो दूर गाँव चलते है

by Ira Singh
चलो दूर गाँव चलते है
ऐसा गाँव जंहा जा कर
लोग भाषाएँ भूल जाते है…
इस गाँव के लोग दुखी लोगो को बड़ी हीन द्रष्टि से देखते है …

Ira Singh the Poetess
Ira Singh the Poetess
जिन्दगी में दौड़ते रहने वालो की
बच्चे भी बहुत खिल्ली उड़ाते है..

इस गाँव के लोग भोजन का बहुत आनद लेते है
और कुंए का मीठा पानी पीते है…

शहर के लोगो पर बहुत दया करते है
और भगवान को अपने झोले में रखते है…

यंहा के लोग प्रवचन देने वालो को दूर तक
खदेड़ कर आते है और अपने मन की करते है..

यंहा हर स्त्री सुन्दर है और हर पुरुष सुन्दर है
यह लोग प्रेम न करने वालो को बहुत अचरज से देखते है…

1 thought on “चलो दूर गाँव चलते है”

  1. Bahut saralta se aapne ek khoobsurat nazaare ko kaagaz pe utaara hai. Ek taaza aur umdaa shaayari ke liye badhaai!!

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