मेरे इश्क़ के ईमां के तहत 7 July 2020 by Prashant V Shrivastava तुम मेरे ही हो जाते तो अच्छा था, मगर मर्ज़ी तुम्हारी मेरे इश्क़ के ईमां के तहत, तुम्हारी ख़ुशी ही तय हुई थी