आज़ाद सुबहा के, मुसाफ़िर जागे
अभी नींद थी आँखों में, मगर जागे
prashant v shivastava
Mukhtsar si baat hai
हर एक बात का एक ही जवाब है
के ये तो बस मुख़्तसर सी बात है
मै दीवाना हो गया
जो ये कहानी हो गई, तो वो फ़साना हो गया तुम बेगाने हो गए, मै दीवाना हो गया
Tere rang rang chhalke
If I were given the tunes of “Tere mast mast do nain”, I would have written this…