- Dil se Pahre…by Prashant V ShrivastavaDil se pahre hataa ke dekh zaraa Unko dhadkan sunaa ke dekh zaraa
- Tribute to Bharat Ratn Lata Mangeshkarby Prashant V Shrivastavaघुल चुकी है तुम्हारी आवाज़ की ख़ुशबू इन हवाओं में अब हम हर साँस में तुम्हें सुन सकते हैं
- Rukhsaar peby Prashant V Shrivastavaरूख़्सार पे जो भँवर का नज़ारा हुआ है फ़स्ल-ए-गुल बहाल हो, इशारा हुआ है अभी रोके रखना बहारों को आसमान पे अभी एक नाज़नीं को ज़मीं पे उतारा हुआ है
- Yaa Kinara KareiNby Prashant V Shrivastavaतुम्हें किस तरहा से पुकारा करें कोई नाम लें या इशारा करें तुम्हारी आँखों से जो रिश्ते हो चले हैं डूब के जाँ बचाएँ, या किनारा करें
- Un Dino ki haiby Prashant V Shrivastavaजब कहते थे मुहब्बत फ़क़त दो दिलों की है, ये तस्वीर उन्हीं दिनों की है
- हैरत-ए-तन्हाईby Prashant V Shrivastavaथक गया हूँ मै हर रोज़ की हैरत-ए-तन्हाई से इसकी आदत हो जाए तो कुछ आसानी हो
- Kitne Khayaal Muntshir HaiNby Prashant V Shrivastavaकितने ख़याल मुन्तशिर कितने ख़याल मुन्तशिर हैं मेरे छत की मुँडेर पर वो गली से गुज़रती है मै देखता सोचता रहता हूँ
- Bekhayaaliby Prashant V Shrivastavaबेख़याली का आलम जब हो पैरों में आसमान हो जाता है जिसे इश्क़ नहीं भी हुआ हो उसे भी इश्क़ का गुमान हो जाता है
- Chal chaand pe chalte haiNby Prashant V Shrivastavaचल चाँद पे चलते हैं, एक गुलेल लेकर आज सितारों के शिकार का बड़ा मन है
- मयखाने सेby Prashant V Shrivastavaये शहर तेज़ तर्रार है चलता है आगे ज़माने से अपनी तैयारी पूरी है ले आओ सौदा मैखाने से
Stay Poetic
Get new poetry content delivered directly to your inbox.